प्रभावशाली संरक्षण !
B. A. Manakala
हे मेरे परमेश्वर, मुझे मेरे शत्रुओं से बचा; मेरे विरुद्ध उठ खड़े होने वालों से मुझे ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रख। भजन 59:1
मैं अक्सर सोचता हूँ, कि परमेश्वर के नियुक्त लक्ष्य को पूरा करने में मैं जो कुछ करता हूँ, वो कितना तुच्छ और मामूली है। परन्तु परमेश्वर चाहते हैं कि आप और मैं 'वही छोटा-सा' कार्य ही करें, जो उन्होंने हमें सौंपा है।
दाऊद अपनी सुरक्षा के लिए परमेश्वर से प्रार्थना कर रहा है (भजन 59:1)। क्या आपको लगता है कि अगर वह प्रार्थना नहीं करता तो परमेश्वर उसकी रक्षा नहीं करेंगे? चाहे आप परमेश्वर से प्रार्थना करें या न करें, उनका कार्य कभी नहीं रुकेगा। सावधान रहें! इसे प्रार्थना न करने और सेवा न करने के लाइसेंस के रूप में न लें। हम अपनी प्रार्थना और सेवा करने में घमण्ड नहीं कर सकते।
यहोवा हमारे जीवन का दृढ़ गढ़ है (भजन 18:2); परमेश्वर न तो ऊँघता, और न सोता है (भजन 121:4)। परमेश्वर हमेशा तुम्हारे साथ है (यहो 1:9)।
क्या आप परमेश्वर की निरन्तर देखभाल को पहचानते हैं?
आपके ऊपर परमेश्वर की सुरक्षा 24x7 है; और ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि आप 24x7 प्रार्थना करते हैं!
प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मुझे और अधिक प्रार्थना करने में समर्थ कीजिए, और मेरी प्रार्थना के बावजूद भी मेरे लिए आप का निरन्तर देखभाल करना, इस प्रेम को समझने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!
(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)
Comments
Post a Comment