लगातार सताहट

हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे कुचलता है, और दिन भर मेरे साथ लड़ लड़कर मुझे सताता है। मेरे शत्रु दिन भर मुझे कुचलते रहते हैं, क्योंकि वे बहुत हैं जो अभिमान करके मुझ से लड़ते हैं। भजन 56:1-2 इस महामारी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसलिए, घर में हमेशा शोर होता है सिवाए जब वे सोते हैं। यह दुनिया परमेश्वर के लोगों के लिए एक शोर-भरी जगह है। उन्हें धरती पर रहते हुए बहुत-सी बातें सहनी पड़ती हैं। यहाँ दाऊद अपने बहुत-से शत्रुओं और उनके द्वारा हो रहे लगातार हमलों के बारे में बता रहा है, जिनका वह सामना करता है (56:1-2)। इस पृथ्वी पर धार्मिकता में जीवन बिताने वाले सताहट को आकर्षित करते हैं (2 तीमु 3:12)। इतिहास में बहुत-से मसीहियों को भी सताहट का सामना करना पड़ा। यहाँ तक कि प्रभु यीशु के चेलों को भी सताकर मार डाला गया! प्रभु यीशु भी सताकर मारे गए! यह सताहट आज भी जारी है। और यह तब तक जारी रहेगा जब तक हम, प्रभु के लोग पृथ्वी पर हैं। क्या आप मसीह के लिए सताए गए हैं? तो इसे बड़े आनन्द की बात समझें (याकूब 1:2-4)। मसीह के लिए किस हद तक कष्ट सहने के लिए आप कितने तैयार हैं? दुष...